इस वर्ष पर्युषण पर्व 31 Aug से 9 Sep है, पर्युषण पर्व में अभिषेक एवं पूजा करने वाले की संख्या बहुत अधिक रहने वाली है, अतः आप सभी से निवेदन हे निम्न निर्देशों को ध्यान में रखे।
अधिक से अधिक से पुजारी स्वयम की धोती का उपयोग करे।
मंदिरजी के पास रहने वाले घर से धोती पहन कर आए एवं दूर रहते है तो अपनी शुद्ध धोती मंदिरजी में लाकर पहने।
जिनके पास स्वयं की धोती नहीं हे ,मंदिर जी ऑफ़िस से हथकरघा निर्मित धोती (बिना सिली हुई) दान पेटी में दान डाल कर ले ले।
बड़ों की धोती 1000 रुपये एवं बच्चों की धोती 800 रूपये.
नोट - हथकरघा धोती में जॉइंट आता है जिसे कट करके धोती एवम दुप्पटे को अलग किया जाता है।
हथकरगा निर्मित पानी छानने की थेली १० रूपेए में ले सकते हे।
मंदिर के आसपास रहने वाले सभी १० दिन के लिए बिना जूते-चप्पल पहनकर मंदिर में आए।
जो लोग बिना वाहन के आ सकते हे, कृपया वाहन न लाए, लाते हे तो निर्धारित स्थान पर पार्क करे।
मंदिरजी में चेंज रूम के अलावा ऊपर पाठशाला का एक रूम भी धोती कक्ष में बदला जाएगा।
क़ीमती सामान, रुपया पैसा धोती कक्ष में न छोड़ें।
जिनके पास स्वयं की जिनवानी/पूजन वर्तन हे, कृपया पूजन के लिए साथ लेकर आए।
जिनके घर पर पूजन के लिए पाटे (चौकी) हे कृपया १० दिन के लिए अपना नाम लिखकर बेस्मेंट में रखे एवं बाद में ले जाए।
पूजन उपरांत जिनवानी, द्रव्य थाली, टेबल आदि यथास्थान अवश्य रखें।
अभिषेक बेस्मेंट एवं मूल नायक वेदी के समक्ष किया जाएगा।
मूल नायक वेदी के समक्ष अभिषेक समय - 6.45 एवं 7.15 बजे से शांति धारा, शांतिधारा उपरांत मूल नायक वेदी के समक्ष अभिषेक नहीं होगा।
बेसमेंट में अभिषेक आरम्भ समय ७ बजे से रहेगा।
सभी को १ ही प्रतिमाजी का अभिषेक करने को मिलेंगा एवं अभिषेक उपरांत मार्जन का अवसर शिर्फ़ शांतिधारा कर्ता एवं अभिषेक टीम को मिलेगा।
बेस्मेंट में प्रतिमाजी सुबह अभिषेक के समय से ११ बजे तक पूजन हेतु विराजमान रहेगी।
मूलनायक वेदी के समक्ष १० दिन तत्वार्थ सूत्रजी विधान किया जाएगा, पूरे १० दिन के लिए विधान पुण्यार्जक राशि २१००, दान समिति को दे सकते हे।
अनंत चतुर्दशी को दोपहर २ बजे से मूलनायक वेदी पर मस्तकाभिषेक किया जाएगा।